वो नाराज़ हैं हमसे की हम कुछ लिखते नहीं ,
कहाँ से लायें लफ्ज़ जब हमको ही मिलते नहीं ,
दर्द की जुबान होती तोह बता देते शायद ,
वो ज़ख्म कैसे कहें जो दीखते नहीं |
Tuesday, January 4, 2011
About me & this blog
HI.........everybody
first of all HAPPY NEW YEAR 2011 everybody
Welcome to you in this blog.....................
now get start..........
No comments:
Post a Comment